पर मैं ये कहती हूँ मैंने सोचा नहीं कभी आपकी हो जाऊं
आपने फ़रमाया मुझमे नहीं है वो गुण बनूँ संपूर्ण नारी
सच तो यह है हम आज के युग के नारी नहीं अबला बेचारी
आपने कहा रंग रूप से हूँ नहीं मैं आपके समकक्ष
मैं यह कहूँ आज शिक्षित है नारी शिक्षा एकमात्र लक्ष्य
आपको है दंभ आपमें है दमखम कई लडकियां आपको चाहे
कहते है हम बार बार आप है गलतफहमी के शिकार
आप हमसे दूर दूर रहें
आपने फ़रमाया मुझमे नहीं है वो गुण बनूँ संपूर्ण नारी
ReplyDeleteसच तो यह है हम आज के युग के नारी नहीं अबला बेचारी
sahi kaha hain aapne ....Aaj jo naari ko abala samjhe wah koi balshaali nahi ho sakta... kayar hi kaha jaayega... Yadapi hamare samaj mein aaj bhi naari ko sabal hone kee disha mein bahut kuch karne ku jarurat hain..
Shubhkamnayen
amazing thinking and moreover excellent vakyavinyas. shabdo par aapki padad kamal hai. hat of to you. aaj bhi aise shaabda kavitao mein proyaog ho to kaviton ka star na gire. shukriya itni achi kavita sunane ke liye.
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