ख़्वाबों की दुनिया से जगाऊँ मैं तुझे
यथार्थ के धरातल पर ले आऊं मैं तुझे
माना कि ये दुनिया बहुत हसीं है
पर कठिनाई भरा रास्ता भी पथ में पड़ी है
जिस दुनिया में है सूरज चाँद सितारे
वहीं रहते है अत्याचारी हत्यारे
गर जीना है यहाँ तो रहना है संभलकर
न जाने कब तू गिर पडेगा फिसलकर
ख़्वाबों को हकीकत का रंग तो दे दो
हकीकत को ख़्वाबों से सींच कर चलो
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteDefinitely dreams will come true one day :)
ReplyDeleteKhub bhalo
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