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Thursday, July 1, 2010

धरा ने अपने प्रांगन में................

  धरा ने अपने प्रांगन में 
निमंत्रण दिया है जन-जन को 
त्रिनासन है बिछाया 
तृप्त जो करना है 
प्रानमन को 
Mountain Paradise Preview
नदी ने भी निमंत्रण सुन 
समर्पित किया अपने जल को 
आकाश भी आ पहुंचे 
लेकर साथ पवन देव को 

सूर्य और चन्द्रमा ने तो 
सुसज्जित किया अपने किरण से 
पवन देव ने निमंत्रण स्थल को 
शीतल किया अपने बल से 

मृदु भाव से पशु-पक्षी ने 
अपना स्थान ग्रहण किया 
ये मनोरम दृश्य  देख
तीनो लोक अभीभूत हुआ

2 comments:

  1. प्रकृति यही तो हमें सिखलाती है !!

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