इस अवसर पर हमने माँ के आगमन की ख़ुशी में विभिन्न स्तुतियाँ प्रस्तुत किये | व बच्चों ने नृत्य द्वारा दर्शकों को बाँध कर रखा |इन नृत्यों मैंने को निर्देशित किये थे |
कमाल है पापियों का सम्मान करने वाले भी यहाँ बसते हैं और उनका समर्थन करने वाले भी यहाँ धार्मिक ही कहलाते हैं . इन्हें धर्म का कुछ पता होता तो ये ऐसा न करते .
शुभ विजयादशमी
ReplyDeleteकमाल है पापियों का सम्मान करने वाले भी यहाँ बसते हैं और उनका समर्थन करने वाले भी यहाँ धार्मिक ही कहलाते हैं .
ReplyDeleteइन्हें धर्म का कुछ पता होता तो ये ऐसा न करते .
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्राचीन धार्मिक कस्बा बैजनाथ में दशहरा के दिन रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि ऐसा करना दुर्भाग्य और भगवान शिव के कोप को आमंत्रित करना है। शिव के प्रति रावण की भक्ति से यहां के लोग इतने अभिभूत हैं कि वे रावण का पुतला जलाना नहीं चाहते।