हृदयोद्गार........... जंगलों में सर पटकता जो मुसाफ़िर मर गया, अब उसे आवाज देता कारवाँ आया तो क्या ? ----- ’जोश’ मलीहाबादी
अविश्वसनीय!
ये रंगोली है या पेंटिंग?अद्भुत!
ये रंगोली तो किसी एंगल से नहीं लगती ... बहुत मेहनत है इनमें ... सच में अविश्वसनीय ...
अविश्वसनीय!
ReplyDeleteये रंगोली है या पेंटिंग?
ReplyDeleteअद्भुत!
ये रंगोली तो किसी एंगल से नहीं लगती ... बहुत मेहनत है इनमें ... सच में अविश्वसनीय ...
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