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Saturday, November 19, 2011

जरा कोंग्रेस के बयानों का विरोधाभास देखिये....



हजारों सिखों का कत्लेआम – एक गलती


कश्मीर में हिन्दुओं का नरसंहार – एक राजनैतिक समस्या



गुजरात में कुछ हजार लोगों द्वारा मुसलमानों की हत्या – एक विध्वंस


बंगाल में गरीब प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी – गलतफ़हमी



गुजरात में “परजानिया” पर प्रतिबन्ध – साम्प्रदायिक


“दा विंची कोड” और “जो बोले सो निहाल” पर प्रतिबन्ध – धर्मनिरपेक्षता



कारगिल हमला – भाजपा सरकार की भूल


चीन का 1962 का हमला – नेहरू को एक धोखा



जातिगत आधार पर स्कूल-कालेजों में आरक्षण – सेक्यूलर


अल्पसंख्यक संस्थाओं में भी आरक्षण की भाजपा की मांग – साम्प्रदायिक



सोहराबुद्दीन की फ़र्जी मुठभेड़ – भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा


ख्वाजा यूनुस का महाराष्ट्र में फ़र्जी मुठभेड़ – पुलिसिया अत्याचार



गोधरा के बाद के गुजरात दंगे - मोदी का शर्मनाक कांड


मेरठ, मलियाना, मुम्बई, मालेगाँव आदि-आदि-आदि दंगे - एक प्रशासनिक विफ़लता



हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना – सांप्रदायिक

इस्लाम और मुसलमानों के बारे में बातें करना – सेक्यूलर


संसद पर हमला – भाजपा सरकार की कमजोरी


अफ़जल गुरु को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फ़ाँसी न देना – मानवीयता


भाजपा के इस्लाम के बारे में सवाल – सांप्रदायिकता


कांग्रेस के “राम” के बारे में सवाल – नौकरशाही की गलती



यदि कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीती – सोनिया को जनता ने स्वीकारा


मोदी गुजरात में चुनाव जीते – फ़ासिस्टों की जीत



सोनिया मोदी को कहती हैं “मौत का सौदागर” – सेक्यूलरिज्म को बढ़ावा


जब मोदी अफ़जल गुरु के बारे में बोले – मुस्लिम विरोधी

 

2 comments:

  1. Rajniti karne wale sab apne bachaw men aise hi bolte hain .

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  2. दोगले हमेशा दोगली ही बात बोलेंगे ! आखिर वोट बैंक का सवाल जो ठहरा |
    कांग्रेस के लिए देश से ज्यादा प्यारा वोट बैंक है|

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