मिड डे मील खाने से मौत का मामला अभी शांत नही हुआ था कि देश को एक और शर्मनाक हादसे का सामना करना पड रहा है की एक जज ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी क्योकि उनको बेटा चाहिये था जबकि उनकी दो बेटियाँ है यही नही पन्ना जिले के राजापुर गांव में आदिवासी अनाज के बदले अपने बच्चों को रसूखदारों के घर गिरवी रखने को मजबूर हैं देश कानून व्यवस्था को धता देकर रसूखदार अपना मन मर्जी कर रहे है | नेता चाहे वो किसी भी पार्टी का हो उसे केवल कड़े शब्दों मे निन्दा करने के अलावा और कुछ कहने की आज़ादी नही है हाँ अगर बात विरोधी पार्टी के बारे मे है तो सारी मर्यादाएं तक पर रख कुछ भी कहने के लिये वो स्वतंत्र है . किसी भी प्रकार चुनावों में जीत हासिल करके और बहुमत जुटाकर सत्ता प्राप्त करना ही आज राजनीति का मुख्य उद्देश्य बन गया है| यक्ष प्रश्न ए है कि क्या आम आदमी के हाथ मे कुछ भी नही रहा? वोट की शक्ति क्या समय के साथ-साथ क्षीण होती जा रही है ? अलगाव वादी विचारधारा राष्ट्रीय एकता पर दिनो-दिन हावी होती जा रही है | नैतिकता के नए मानदण्ड स्थापित करना तो आम आदमी के हाथ मे है फिर हमसे बार बार कैसे ये चूक हो जाती है ?आज देश को एक सशक्त वा ईमानदार नेतृत्व की परम अवश्यकता है | निकट भविष्य में आगामी लोकसभा के चुनाव होने वाले है जिसमें देश की जनता को नई केन्द्र सरकार का चुनाव करना है। अगर इस बार भी चूक गए तो बहुत देर हो जाएगी।आचार्य चाणक्य ने कहा था '' इस देश को इतना नुक्सान दुष्टों की दुष्टता से नहीं हुआ जितना सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ है ...
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/charcha/entry/%E0%A4%A4-%E0%A4%AC%E0%A4%B9-%E0%A4%A4-%E0%A4%A6-%E0%A4%B0-%E0%A4%B9-%E0%A4%9C-%E0%A4%8F%E0%A4%97
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