अक्सर ऐसा लगता है की अलमारियों में बंद किताबें मुझसे सवाल करती है 'क्या अब मेरी ज़रुरत ख़त्म हो गयी ?क्या अब इतिहास से कुछ सीखना नहीं है ?या भूगोल की परिधियाँ अब किसी काम की नहीं रही ।
क्या विज्ञानं में ज्ञान की बाते अब कुछ अवशेष नहीं रहे ? लेखक या साहित्यकारों में अब रूचि नहीं रही ।फिर किस कारण किताबों को कैद कर रखा है । शायद उसे पता नहीं इतिहास पुरुष अब भी जिंदा है। भूगोल की परिधियाँ निश्चित दिशा में क्रियाशील है । विज्ञान का क्षेत्रफल पहले से कही व्यापक हो गया है ।पर अब हम आभासी दुनिया में जीने लगे है । अब ज्ञान केवल किताबों की मोहताज नहीं रही । अब हम इंटरनेट की दुनिया में पदार्पण कर चुके है ।रिश्ते भी किताबों में बंद नहीं रही हालांकि किताब ही इस दुनिया का आधार है पर अब हमारे पास इन्टरनेट है ।
क्या विज्ञानं में ज्ञान की बाते अब कुछ अवशेष नहीं रहे ? लेखक या साहित्यकारों में अब रूचि नहीं रही ।फिर किस कारण किताबों को कैद कर रखा है । शायद उसे पता नहीं इतिहास पुरुष अब भी जिंदा है। भूगोल की परिधियाँ निश्चित दिशा में क्रियाशील है । विज्ञान का क्षेत्रफल पहले से कही व्यापक हो गया है ।पर अब हम आभासी दुनिया में जीने लगे है । अब ज्ञान केवल किताबों की मोहताज नहीं रही । अब हम इंटरनेट की दुनिया में पदार्पण कर चुके है ।रिश्ते भी किताबों में बंद नहीं रही हालांकि किताब ही इस दुनिया का आधार है पर अब हमारे पास इन्टरनेट है ।
sundar abhivyakti
ReplyDeleteNice post, things explained in details. Thank You.
ReplyDeleteHi, Really great effort. Everyone must read this article. Thanks for sharing.
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