हृदयोद्गार........... जंगलों में सर पटकता जो मुसाफ़िर मर गया, अब उसे आवाज देता कारवाँ आया तो क्या ? ----- ’जोश’ मलीहाबादी
ये आतंक की दुनिया है कहने दो उसे जो कहता हैमैं जानू ये आतंकी है प्यार का मारा बेचारा ... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
ये आतंक की दुनिया है कहने दो उसे जो कहता है
ReplyDeleteमैं जानू ये आतंकी है प्यार का मारा बेचारा
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।