पता नही ब्लोगवाणी फिर से अपना रूप ले पाया या नही . पर उसकी कमी अभी भी खलती है .हम तो अभी भी आस लगाए बैठे है की कब वो वापस आये . मेरे मूंह से तो यही शब्द निकलते है
ब्लोगवाणी ब्लोगवाणी
तू तो थी ब्लोग्गेर्स की रानी
तेरे बिन ये जग है सूना
कहा गयी वो तेरी रवानी
आये गए कितने ही वाणी
तू सबसे ऊपर है जानी
टिप्पणि का सुख तुमने दिए जो
वो दम नहीं किसी में जानी
धरो न नाक पर इतना गुस्सा
तुम्हे वापस लेने की हमने है ठानी
बात तो सही है...
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