इन बारिश की बूंदों को
तन से लिपटने दो
प्यासे इस चातक का
अंतर्मन तरने दो
बरसो की चाहत है
बादल में ढल जाऊं
पर आब-ओ-हवा के
फितरत को समझने दो
फिर भी गर बूंदों से
चाहत न भर पाए
मन की इस तृष्णा को
बादल से भरने दो
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Monday, November 15, 2010
Saturday, November 13, 2010
नि:शब्द
खामोश हम तुम
बात ज़िन्दगी से
आँखों ने कुछ कहा
धड़कन सुन रही है
आँखों ने कुछ कहा
धड़कन सुन रही है
धरती से अम्बर तक
नि:शब्द संगीत है
मौसम की शोखियाँ भी
आज चुप-चुप सी है
नि:शब्द संगीत है
मौसम की शोखियाँ भी
आज चुप-चुप सी है
गीत भी दिल से
होंठ तक न आ पाए
बात दिल की
दिल में ही रह जाए
होंठ तक न आ पाए
बात दिल की
दिल में ही रह जाए
.
जिस्मो की खुशबू ने
पवन महकाया है
खामोशी को ख़ामोशी ने
चुपके से बुलाया है
पवन महकाया है
खामोशी को ख़ामोशी ने
चुपके से बुलाया है
.
प्यार की बातों को
अबोला ही रहने दो
नि:शब्द इस गूँज को
शब्दों में न ढलने दो
अबोला ही रहने दो
नि:शब्द इस गूँज को
शब्दों में न ढलने दो
.
प्यार के भावो को
शब्दों में मत बांधो
चुपके से इस दिल से
संगीत का स्वर बांधो
शब्दों में मत बांधो
चुपके से इस दिल से
संगीत का स्वर बांधो
.
स्वर ही है इस मन के
भावो को है दर्शाती
प्यार जो चुप चुप है
जुबां से निकल आती
भावो को है दर्शाती
प्यार जो चुप चुप है
जुबां से निकल आती
Friday, November 5, 2010
आप सभी को दीपावली की ढेरों शुभकामनाये....
आप सभी को दीपावली की ढेरों शुभकामनाये
दीयों का पर्व आया
खुशियाँ मना लो
लक्ष्मी गणेशजी का
स्वागत कर लो
पटाखों के शोर में
ये भूल न जाना
आपने को स्वस्थ रखना है
दिवाली के त्यौहार को है
हर साल मनाना
आओ बच्चे बड़े मिलकर
इस पर्व को मनाये
दीयों का त्यौहार है
सब मिलकर दीया जलाए
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