खामोश हम तुम
बात ज़िन्दगी से
आँखों ने कुछ कहा
धड़कन सुन रही है
आँखों ने कुछ कहा
धड़कन सुन रही है
धरती से अम्बर तक
नि:शब्द संगीत है
मौसम की शोखियाँ भी
आज चुप-चुप सी है
नि:शब्द संगीत है
मौसम की शोखियाँ भी
आज चुप-चुप सी है
गीत भी दिल से
होंठ तक न आ पाए
बात दिल की
दिल में ही रह जाए
होंठ तक न आ पाए
बात दिल की
दिल में ही रह जाए
.
जिस्मो की खुशबू ने
पवन महकाया है
खामोशी को ख़ामोशी ने
चुपके से बुलाया है
पवन महकाया है
खामोशी को ख़ामोशी ने
चुपके से बुलाया है
.
प्यार की बातों को
अबोला ही रहने दो
नि:शब्द इस गूँज को
शब्दों में न ढलने दो
अबोला ही रहने दो
नि:शब्द इस गूँज को
शब्दों में न ढलने दो
.
प्यार के भावो को
शब्दों में मत बांधो
चुपके से इस दिल से
संगीत का स्वर बांधो
शब्दों में मत बांधो
चुपके से इस दिल से
संगीत का स्वर बांधो
.
स्वर ही है इस मन के
भावो को है दर्शाती
प्यार जो चुप चुप है
जुबां से निकल आती
भावो को है दर्शाती
प्यार जो चुप चुप है
जुबां से निकल आती
खामोशी को ख़ामोशी ने
ReplyDeleteचुपके से बुलाया है
अतिसुन्दर भावाव्यक्ति , बधाई
आपकी यह रचना पहले भी पढ़ी है ..बहुत खूबसूरत लगी थी ..इसका जीके यहाँ भी था ...
ReplyDeletehttp://charchamanch.blogspot.com/2010/11/24-333.html