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Monday, December 13, 2010

विभिन्न प्रकार की मम्मियाँ......

विभिन्न प्रकार की मम्मियाँ.......
आलसी मम्मी .........
एक बात तुम्हे कितनी बार बतानी पड़ती है ? 


धमकाने वाली मम्मी .........
आने दो पापा को तुम्हारी शिकायत करूंगी 


इतिहास पसंद मम्मी ....
जब मै तुम्हारी उम्र की थी तो घर की सारी 
जिम्मेदारी सम्हालती थी 


भविष्य बताने वाली मम्मी ..................
मुझे पता था ये टूटेगा 


confused मम्मी ..........
मै इन्सान हूँ की मशीन 


स्वार्थी मम्मी .............
लंच में पराठे तुम्हारे लिए दिए थे 
की तुम्हारे दोस्तों के लिए 


शक्की मम्मी.......
१० में से १० ज़रूर तुमने  cheating की होगी 
पर इन सब के बाद भी सबसे अच्छी है मेरी मम्मी 


ये सन्देश मुझे मोबाईल से प्राप्त हुआ था 

9 comments:

  1. बहुत बढ़िया बताया आपने तरह तरह की मम्मियों के बारे में .......

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  2. माँ तो आख़िर माँ है कैसी भी हो | परिभाषा अच्छी लगी !

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  3. हा हा माँ तो आखिर माँ है.

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  4. पर इन सब के बाद भी सबसे अच्छी है मेरी मम्मी ....

    :) बहुत सुंदर लिखा आपने ....

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  5. अरे यही सब तो बोलती है मम्मी ..... क्यूट सी कविता लिखी आपने.....

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  6. .

    बढ़िया वर्गिकर किया है आपने । मुझे सारे प्रकार की मम्मियों की झलक मिल रही है स्वयं में।

    Smiles !

    .

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  7. सबसे अच्छी है मेरी मम्मी ... यही तो सबसे बड़ी बात है और इसे पढकर गा रहा हूं ... तू कितनी अच्छी है, तू कितनी प्यारी है, ओ मां, ओ मां!

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  8. हेल्लो . साक्षात्कार.कॉम ने अपना नया पत्रकारिता नेटवर्क शुरू कर दिया है . आप प्रेसवार्ता.कॉम नेटवर्क से जुड़कर आप समाचार , लेख , कहानिया , कविता , फोटो , विडियो और अपने ब्लॉग को जन जन तक भेज सकते है . इसके लिए आपको प्रेसवार्ता.कॉम पर जाकर अपना एक प्रोफाइल बनाना होगा . प्रेसवार्ता.कॉम से जुड़ने का लिंक www.pressvarta.com है .
    सुशील गंगवार
    www.pressvarta.com
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  9. मुझे भी एक एसएमएस मिला। यह एसएमएस वैसे तो हर दिन आने वाले एसएमएस की तरह ही था लेकिन उसके मायने कुछ खास थे। आप भी देखिए।
    ‘ एक छोटा सा बच्चा अपनी मम्‍मी के साथ जा रहा था। रास्‍ते में एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था। मम्‍मी कहती है, बेटा डरो मत, मेरा हाथ पकड लो। बेटा कहता है नहीं मम्‍मी आप मेरा हाथ पकड लो। अब मम्‍मी मुस्‍कुराते हुए कहती है, दोनों में क्‍या अंतर है बेटा? बेटा कहता है, अगर मैं आपका हाथ पकडूं और अचानक कुछ हो जाए तो शायद मैं आपका हाथ छोड दूं लेकिन मैं यह जानता हूं कि यदि आप मेरा हाथ पकडेंगी तो चाहे कुछ भी हो जाए आप मेरा हाथ कभी नहीं छोडेंगी।’
    ऐसी होती है मां।

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