ज़िन्दगी से बस यूं ही चन्द बातें हुई चमन में आये बहार से एक मुलाकात हुई जलते चिरागों तले रोशनी नहीं होती चिराग तले अँधेरे में ज़िन्दगी दीदार हुई हर तरफ भीड़ है हर शख्स है परेशान इस दुनिया में ज़िन्दगी तू ही है तनहा खडी |
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Friday, June 24, 2011
ज़िन्दगी से.............
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कविता
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बहुत उम्दा!!
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर.
ReplyDeleteउदास किन्तु शान्त जीवन की उम्दा अभिव्यक्ति।
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