रिज़र्व बैंक का एक सर्वे साफ़ कहा रहा है कि महंगाई अभी और ऊपर तक जायेगी | सर्वे में शामिल घरेलू महिलाओं ,वित्तीय क्षेत्र में कर्मियों , दिहाड़ी मजदूरों ने महंगाई के १३ फीसदी पहुँचने की आशंका जताई है |महंगाई ने तो सबकी कमर तोड़ कर रख दी |देश के ठेकेदारों ने हर तरह से कोशिशें कर के देख लिया पर सब बेकार |महंगाई अड़ी रही |जनता अपने खून पसीने से सरकारी खजाने को भरने में जुटे पड़े है और नेता बड़े मेहनत से अपने बैंक खाते को भरने में |
सीपीएम ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह टू जी और केजी बेसिन समेत उन सभी घोटालों की जिम्मेदारी ले जो उनके कार्यकाल में हुए हैं। करात ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ईमानदार है तो इसका मतलब यह नहीं कि उसकी कैबिनेट जो करती है उसकी जिम्मेदारी से वह अलग है। कारत ने दावा किया कि टूजी और केजी बेसिन दोनों मामलों से प्रधानमंत्री पूरी तरह अवगत थे, लेकिन उन्होंने गलत कामों को नहीं रोका। कारत ने आरोप लगाया कि टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर गलत कामों को लेकर हमने प्रधानमंत्री को 6 लेटर लिखे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।और इधर "सरकार के लोकपाल बिल में टीम अन्ना की मुख्य दलीलों को दरकिनार कर दिया गया. अन्ना हज़ारे ने भूख हड़ताल की घोषणा की है और सरकार ने पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी है "|एक तरह से ये धमकी दी जा रही है कि अगर अन्ना नहीं माने तो जो हाल पुलिस ने बाबा रामदेव का किया था, वही अन्ना हजारे का होगा. पिछली बार की तरह जन समर्थन और मीडिया का साथ मिलेगा या नहीं, कहना मुश्किल है, लेकिन एक बात ज़रूर है कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार अब कठघरे में आ गई| अब सरकार भी भ्रष्टाचार का राग अलाप रही है |
एक बात तो साफ़ है ही कि जब तक देश में भ्रष्टाचार नामक कीड़ा रेंगते रहेंगे तब तक महंगाई अपना रंग तो दिखायेगी | भ्रष्टाचार की स्थिति इतनी गंभीर है कि भारत सरकार को देश के 57 फीसदी मुना़फे का पता ही नहीं चल पाता है| एक आंकड़े के मुताबिक़, भारत में हर साल 35 लाख करोड़ रुपये काला धन बनते हैं, जिसका स़िर्फ 10 फीसदी हिस्सा विदेश भेज दिया जाता है|देश को सरकार से ज्यादा बड़े बड़े उद्योगपति ही चला रहे है | येदियुरप्पा को ले लीजिए. कर्नाटक के लोकायुक्त ने कहा कि खनन घोटाले से राज्य को क़रीब 16 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ| येदियुरप्पा को क्या मिला, सिर्फ 10 करोड़. उद्योगपति 16 हजार करोड़ रुपये का मुना़फा कमा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को मिला स़िर्फ 10 करोड़!| इसी तरह 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले को देखिए. सीएजी के मुताबिक़, इस घोटाले से भारत सरकार को एक लाख 76 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ| अब कोर्ट में ए राजा के खिला़फ मामला चल रहा है 200 करोड़ रुपये का |यही नहीं आतंकवादियों के कारण जो खर्चा हुआ है उसका कोई हिसाब किताब नहीं |कसाब को सरकारी संरक्षण प्राप्त है पर अन्ना को अनशन के लिए जगह लेने के लिए तमाम जद्दोजहद करने पड़ रहे है |केन्द्र की यूपीए सरकार ने अब तक कई बार पेट्रोल के दाम बढ़ाए है। यूपीए सरकार की दूसरी पारी में पेट्रोल की कीमत में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। यह सही है कि आयातित पेट्रोल उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य से नीचे बेचना आर्थिक दृष्टि से घाटे का सौदा है और सरकार अनंत काल तक इसमें सबसिडी नहीं दे सकती। मगर एकमुश्त पांच रूपए वृद्धि करने के बजाय अगर सरकार जनवरी में ही पेट्रोल की कीमत में कुछ वृद्धि करती, तो उसे फिलहाल इसमें इतनी बढ़ोतरी की जरूरत नहीं पड़ती। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पेट्रोलियम दर में वृद्धि करने के निर्णय से स्पष्ट हो गया कि सरकार चुनाव से पहले पेट्रोल एक रुपया महंगा करने का जोखिम नहीं लेना चाहती थी, जबकि उसे चुनाव के बाद इसमें बढ़ोत्तरी करने में कोई दिक्कत नहीं हुई।सही कहा किसी ने ....
चंद सिक्कों में बिक जाता है यहाँ इंसान का ज़मीर
कौन कहता है मेरे मुल्क में महंगाई बहुत है
Nice and true .
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हाय हाय महँगाई ,आंकड़े बता रहे हैं सार्थक पोस्ट , आभार
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